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धरना
Meanings: 3; in Dictionaries: 2
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हाथ धरना
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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सान धरना
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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ओल्लें तय धरना, सुपलंय धरना
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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नाक पर धरना
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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शाण धरना
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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sit-down strike
Meanings: 4; in Dictionaries: 3
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take hold
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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put
Meanings: 48; in Dictionaries: 5
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lay
Meanings: 45; in Dictionaries: 9
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get hitched with
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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get married
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espouse
Meanings: 9; in Dictionaries: 3
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hook up with
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marry
Meanings: 11; in Dictionaries: 5
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pose
Meanings: 12; in Dictionaries: 4
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conjoin
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position
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wed
Meanings: 9; in Dictionaries: 4
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sit down
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set
Meanings: 95; in Dictionaries: 21
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place
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hold
Meanings: 63; in Dictionaries: 9
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नखर रैखागिरि
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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विश्वविद्यालयी
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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निषेधार्थ
Meanings: 2; in Dictionaries: 2
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पुत्रघ्नी
Meanings: 4; in Dictionaries: 4
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कबीर के दोहे - नरतनु जावे पस्तावेगा । फे...
कबीर के दोहे
हिंदी साहित्य में कबीर का व्यक्तित्व अनुपम है। Kabir mostly known as "Weaver saint of Varanasi".
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गृहरक्षक
Meanings: 4; in Dictionaries: 4
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मेस
Meanings: 5; in Dictionaries: 5
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भजन - साधो , हरि -पद कठिन कहानी...
हरिभक्त कवियोंकी भक्तिपूर्ण रचनाओंसे जगत्को सुख-शांती एवं आनंदकी प्राप्ति होती है।
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भारुड - अक्कल - तप साधन सुखें करना । दो म...
भारुड Bharude is a kind of satirical form of presenting the faults of lay human beings. It was started by Eknath who is revered as a saint.
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कबीर के दोहे - रामनाम धार चमकत है तरवार ...
कबीर के दोहे
हिंदी साहित्य में कबीर का व्यक्तित्व अनुपम है। Kabir mostly known as "Weaver saint of Varanasi".
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विनय पत्रिका - विनयावली १९६
विनय पत्रिकामे , भगवान् श्रीराम के अनन्य भक्त तुलसीदास भगवान् की भक्तवत्सलता व दयालुता का दर्शन करा रहे हैं।
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विनय पत्रिका - विनयावली ११३
विनय पत्रिकामे , भगवान् श्रीराम के अनन्य भक्त तुलसीदास भगवान् की भक्तवत्सलता व दयालुता का दर्शन करा रहे हैं।
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विवेकवैराग्यनाम - ॥ समास छठवां - सृष्टिक्रमनिरूपणनाम ॥
इस ग्रंथमें प्रत्येक छंद ‘मुख्य आत्मनुभूति से’ एवं सभी ग्रंथों की सम्मति लेकर लिखा है ।
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हिंदुस्थानीं पदें - पदे ४१ ते ४५
वेदान्तशास्त्र हे नुसते बुध्दिगम्य व वाक्चातुर्यदर्शक शास्त्र नसून प्रत्यक्ष अनुभवगम्य शास्त्र आहे हे या ग्रन्थातून स्पष्ट होते.
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मंत्रों का नाम - ॥ समास दसवां - सिद्धलक्षणनाम ॥
‘संसार-प्रपंच-परमार्थ’ का अचूक एवं यथार्थ मार्गदर्शन इस में है ।
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तत्त्वान्वय का - ॥ समास आठवां - आत्मारामनिरूपणनाम ॥
श्रीसमर्थ ने इस सम्पूर्ण ग्रंथ की रचना एवं शैली मुख्यत: श्रवण के ठोस नींव पर की है ।
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शिकवणनाम - ॥ समास दसवां - विवेकलक्षणनिरूपणनाम ॥
परमलाभ प्राप्त करने के लिए स्वदेव का अर्थात अन्तरस्थित आत्माराम का अधिष्ठान चाहिये!
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मूर्खलक्षणनाम - ॥ समास छठवां - तमोगुणलक्षणनाम ॥
इस ग्रंथराज के गर्भ में अनेक आध्यात्मिक ग्रंथों के अंतर्गत सर्वांगीण निरूपण समाया हुआ है ।
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प्रकृतिपुरुष का - ॥ समास आठवां - तत्त्वनिरूपणनाम ॥
यह ग्रंथ श्रवण करने का फल, मनुष्य के अंतरंग में आमूलाग्र परिवर्तन होता है, सहजगुण जाकर क्रिया पलट होता है ।
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सुखमनी साहिब - अष्टपदी १
हे पवित्र काव्य म्हणजे शिखांचे पांचवे धर्मगुरू श्री गुरू अरजनदेवजी ह्यांची ही रचना. दहा ओळींचे एक पद, आठ पदांची एक अष्टपदी व चोविस अष्टपदींचे सुखमनी साहिब हे काव्य बनलेले आहे.
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पूर्णदशक - ॥ समास सातवां - आत्मनिरूपणनाम ॥
इस ग्रंथके पठनसे ‘‘उपासना का श्रेष्ठ आश्रय’ लाखों लोगों को प्राप्त हुआ है ।
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मंत्रों का नाम - ॥ समास पहला - गुरुनिश्चयनाम ॥
‘संसार-प्रपंच-परमार्थ’ का अचूक एवं यथार्थ मार्गदर्शन इस में है ।
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अखंडध्याननाम - ॥ समास आठवां - अखंडध्याननिरूपणनाम ॥
‘संसार-प्रपंच-परमार्थ’ का अचूक एवं यथार्थ मार्गदर्शन इस में है ।
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दोहावली - भाग १४
कबीर सन्त कवि आणि समाज सुधारक होते. कबीरदास भारतातील भक्ति काव्य परंपरेतील एक महानतम कवि होत.
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सगुणपरीक्षा - ॥ समास तीसरा - सगुणपरीक्षानाम ॥
श्रीमत्दासबोध के प्रत्येक छंद को श्रीसमर्थ ने श्रीमत्से लिखी है ।
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प्रेमचंद की कहानियाँ - कुत्सा
मुन्शी प्रेमचंद हिन्दी और उर्दू के महानतम भारतीय लेखकों में से एक हैं।
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चतुर्दश ब्रह्म नाम - ॥ समास सातवां - साधनप्रतिष्ठानिरूपणननाम ॥
श्रीसमर्थ ने ऐसा यह अद्वितीय-अमूल्य ग्रंथ लिखकर अखिल मानव जाति के लिये संदेश दिया है ।
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